महिलाओं की इंनफर्टिलिटी से जुड़ी भ्रांतियां और हक़ीक़त

महिलाओं की इंनफर्टिलिटी से जुड़ी भ्रांतियां और हक़ीक़त

आज के इस डिजिटल युग में जितनी तेज़ी से सूचनाएं फैल रही है, उसमें उतनी ही गलत जानकारी होने की भी संभावना हो सकती है और खण्डन करना बेहद ज़रूरी है। महिला इनफर्टिलिटी से जुड़ी कुछ ऐसी ही गलत और असामान्य बातें हमारे समाज में प्रचलित है। जैसे की !!

1. नि:संतानता  के लिए सिर्फ महिलाएं ही ज़िम्मेदार:

पूर्वकाल से हमारे समाज की यह निष्ठुर सचाई रही है कि निःसंतानता  के लिए सबसे अधिक महिलाओं को ही दोषी माना जाता रहा है किन्तु ये बिलकुल भी सत्य नहीं है। इस कथन पर प्रकाश डालते  हुए हम आपको कुछ अहम जानकारी बता रहे हैं। 

महिलाओं में बांझपन के कारण निम्न हो सकते हैं :

१ एंडोमेट्रिओसिस (Endometriosis)

२ फ़िब्रोइड  (Fibroid)

३ ब्लॉक्ड ट्यूब  (Blocked Tubes)

४ मधुमय (Diabetes)

५ थाइरोइड (Thyroid)

पुरुषों में समस्याओं के कारण :

१ एब्नार्मल स्पर्म  प्रोडक्शन (Abnormal sperm production)

२ जेनेटिक डिफेक्ट्स (Genetic Defects)

३ डायबिटीज (Diabetes)

४ इन्फेक्शन्स जैसे की  Chlamydia , Gonorrhea, Mumps or HIV

५ वैरीकोसेल (Varicocele)

अतः प्राप्त जानकारी के अनुसार नि:संतानता  के लिए महिला एवं पुरूष दोनों ही ज़िम्मेदार होते हैं इसलिए किसी भी प्रकार का इलाज कराने से पहले महिला और पुरूष दोनों की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।

2. IVF के द्वारा बच्चे पैदा करने में कष्ट

कहते हैं, अफवाह एक ऐसी चीज़ है जो सबसे पहले फैलती है। जिसका ना कोई आधार होता है और ना ही उसमें कोई तर्क होता है। ऐसी ही एक अफवाह समाज में प्रचलित है कि IVF तकनीक के द्वारा बच्चे पैदा करने में बहुत कष्ट होता है जबकि यदि हम वैज्ञानिक दृष्टि से बात करें तो IVF का उपचार  बहुत ही सरल है, जिसमें कोई बड़ा ऑपरेशन करने या भर्ती करने की आवश्यकता नहीं होती।

3. लम्बे समय के लिए आराम करना चाहिए

यह भी महज़ एक अफवाह ही है, जिसका ना कोई आधार है और ना ही तर्क। ऐसा कुछ भी नहीं है। हां इतना ज़रूर है कि IVF के बाद एक महिला इतना ध्यान रखना चाहिए जितना कि वह साधारण गर्भावस्था के दौरान रखती है तथा इसके अलावा उसे ज़्यादा भारी-भरकम काम नहीं करना चाहिए। अपने चिकित्सक के परामर्श के अनुसार ही कार्य करें।

4. उम्र को लेकर असमंजसता

हमारे समाज में यह बात भी बहुत प्रचलित है कि कम उम्र के लोगों में IVF सफलता दर अधिक होती है और अधिक उम्र की महिलाओं के IVF नहीं है।  ये धारणा बिलकुल गलत है।  ये देखा गया है की अनुभवी चिकित्सक के परामर्श एवं निरंतर बढ़ रही वैज्ञानिक सुविधाओं के कारण महिलाओं को ४० वर्ष की आयु के बाद भी माँ बनने का सौभाग्य मिल सकता है।

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